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#abhimanyueducatio.in इन 15 तरीकों से खुद को रखें हेल्दी

स्वास्थ्य जीवनशैली हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण कारक है

 कई तरह के किए गए शोध से पता चलता है कि लंबे वक्त तक जीने के लिए और बीमारियों से दूर रहने की सबसे बेहतर दवा एक हेल्दी लाइफस्टाइल है। यह इतना बड़ा काम भी नहीं है, आप बस अपने आहार और व्यायाम में बदलाव करके अपने तनाव को आराम से दूर कर सकते हैं। इसे एक जिद या जुनून न बनाते हुए आप खुद की नई खोज में एक बेहतर सफर तय कर सकते हैं। आइए देखते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या काम की चीज है।

  1.  व्यायाम 

रोजाना व्यायाम आपकी बढ़ती उम्र के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। अपने डेली के लाइफस्टाइल में आप इसे शामिल करेंगे तो यह आपको आँखों की रोशनी सुधार करता है, ब्लड प्रेशर को सामान्य करता है, दुबली मांसपेशियों को बेहतर बनाता है, कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और हड्डियों के घनत्व में सुधार करता है। आप रोजाना जॉगिंग करें, अपने बच्चों या किसी ऐसे पड़ोसी के साथ पार्क में जाएं, आप चाहें तो रस्सी कूद सकते हैं, या कुछ अन्य एक्टिविटी कर सकते हैं, जिससे आपके शरीर में फुर्ती बनी रहेगी।

  1. सही भोजन का सेवन करें 

आप दिनभर में लगभग पांच सब्जियों का सेवन करने की कोशिश करें। आप उन्हें किसी भी तरह से खा सकते हैं या तो कच्ची या फिर उबाल कर या तल कर। सब्जियों के ज्यादा मात्रा में सेवन से फेफड़ों, बृहदान्त्र, स्तन, गर्भाशय ग्रीवा, अन्नप्रणाली, पेट, मूत्राशय, अग्न्याशय, और अंडाशय के कैंसर का जोखिम कम होता है। पांच सब्जियों के सेवन से आप वजन भी घटा सकते हैं, और यह आपकी भूख को भी कम करेगा।

  1. पर्याप्त पानी पिए

अच्छे स्वास्थ्य शरीर को बनाए रखने के लिए हाइड्रेटेड रहना बहुत महत्वपूर्ण है। पानी हमारे शरीर से गंदगी को बाहर निकालने में मदद करता हैै, इससे हमारी पाचन क्रिया बेहतर रहती हैै, कीमोथेरेपी के परिणाम को रोकता है, इसके निर्माण को रोकता है, मांसपेशियों को सक्रिय करता है और शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है। एक स्वास्थ्य शरीर के लिए दिन में पानी का सेवन करते रहें।

  1. ध्यान करें

ध्यान के अच्छे और लंबे समय तक चलने वाले लाभ होते हैं। यह तनाव को कम करता है, हमें तांत्रिकाओं को काबू में करता हैै, इससे हमारे फोकस मे सुधार करता है और दर्द को ठीक करता है। पर्याप्त अभ्यास के साथ यह माइंडफुलनेस, ब्रेन चैटर को कम करता है, ध्यान करने से आपके जीवन की आदतों में कई सकारात्मक बदलाव आते हैं।

  1. नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाएं

वक्त-वक्त डाॅक्टर से नियमित रूप से अपनी जांच कराएं, भले ही आप बिल्कुल ठीक हो। ऐसा करने से यदि आपके शरीर में कोई बीमारी पनप नहीं हो तो उसका जल्दी पता लगाया जा सकता है और इसकी रोकथाम की जा सकती हैै। ऐसे में आप आपके स्वास्थ्य जोखिम को कम कर सकते हैं, अपने शरीर को लेकर अगर आप बेफिक्र रहेंगे तो आपको रात में अच्छी नींद भी आएगी।

  1. स्वस्थ वजन बनाए रखें

एक शरीर का स्वस्थ्य वजन आपको हेल्दी रखने में मदद करता है। आपको अपने शरीर का बॉडी मास इंडेक्स जानने की जरूरत है, इसके लिए आप एक उपकरण का उपयोग कर सकते हैं जिससे आप अपने सही वजन के बारे में जानकारी हासिल कर पाएंगे। बीएमआई यह बताता है कि आपके शरीर में कितनी अधिक चर्बी है। आमतौर पर बीएमआई 18.5 और 22.9 के बीच होना चाहिए।  

  1. कुछ लक्ष्य निर्धारित करें 

अक्सर आपके स्वास्थ्य लक्ष्यों का सबसे बड़ा दुश्मन मुफ्त की सलाह होती हैै, जिसे सुनते-सुनते आप बोर हो जाते हैं। आप एक समय में एक चीज करें, किसी भी चीज की धीरे-धीरे शुरूआत करें, सकारात्मक आदतों को अपनाएं। सोडा के कैन के बजाय दो गिलास पानी का सेवन करें। आप जब वर्क आउट शुरू करें तो आप एक दम से ज्यादा न करें, आप धीरे-धीरे इसकी शुरूआत कर सकते हैं। 

  1. रात में अच्छी नींद लें 

आराम और ध्यान का एक बेहतर तरीका है, दूध का एक गर्म गिलास और बिस्तर पर जाने से पहले हल्के गुनगुने पानी से स्नान। यह दोनों आपको एक अच्छी व आरामदायक नींद दिलाने में मदद कर सकते हैं। आप कोशिश करें कि सोने से पहले आप खाना न खाएं, सोने और रात के खाने के बीच कुछ वक्त का अंतराल रखें, अपने बेडरूम में अंधेरा करने से आपको अच्छी नींद आएगी और तनाव नहीं होगा। आप चाहें तो दिमाग में आए कुछ विचारों को लिख सकते हैं, इससे आपको अच्छा महसूस होगा।

  1. शराब का सेवन न करें 

ज्यादा शराब के सेवन को न कहना ही बेहतर है। अल्कोहल का हमारे मन−मस्तिष्क पर गहरा विपरीत प्रभाव पड़ता है। शराब आपके दिल और फेफड़ों को प्रभावित कर सकती है। जो लोग शराब पीते हैं, उन्हें दिल संबंधी बीमारियाँ होने का जोखिम काफी अधिक होता है। ऐसे व्यक्तियों को उच्च रक्त चाप से लेकर अनियमित दिल की धड़कन, शरीर के माध्यम से रक्त पंप करने में कठिनाई, वजन का बढ़ना, आघात, दिल का दौरा, दिल की बीमारी, हृदय का रुक जाना आदि परेशानियां हो सकती हैं।

  1. तम्बाकू से दूर रहें

तंबाकू में निकोटिन होता है जो हमारे नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। इसे लेने से राहत तो महसूस होती है लेकिन जल्द ही इसकी ऐसी लत लग जाती है कि फिर इसे छोड़ना बेहद मुश्किल हो जाता है। यही वजह है कि तम्बाकू का सेवन करने वाले ढेरों लोग चाहकर भी इसे छोड़ नहीं पाते। कई लोगों को सिगरेट पीने की लत लग जाती है, ऐसे में आप इसे छोड़ने की कोशिश करें। सिगरेट पीने का मन करें तो आप उसके लिए कुछ बेहतर विकल्पों का चयन कर सकते हैं।

  1. घर का खाना खाएं 

हमारी व्यस्त लाइफ में, घर में भोजन बनाना काफी मुश्किल हो जाती है, लेकिन खुद को स्वस्थ्य रखने के लिए हमें बाहर के खाने का सेवन बंद करना चाहिए। घर का बना खाना ज्यादा हेल्दी, साफ और सुरक्षित होता है। घर में बना खाना हमें मोटापे व कई अन्य बीमारियों से दूर रखता है। आप छुट्टी के दिन अलग-अलग तरीकों से खाना बनाकर उसका स्वाद ले सकते हैं।

  1. हेल्दी स्नैक का सेवन करें 

यदि आप बहुत ज्यादा सैचुरेटेड फैट वाले भोजन का सेवन करते हैं तो इससे आपके रक्त में कॉलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ सकती है। यदि ऐसा हुआ तो कोरोनरी ह्रदयरोग का गंभीर खतरा पैदा हो जाएगा। आप हृदय रोग और पुरानी बीमारियों के अपने जोखिम को कम करने के लिए एंटी-इंफ्लेमेटरी ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं। आप दूध, अंडे और पनीर ओमेगा -3 वाले पोषक तत्वों से भरपूर पदार्थों का सेवन कर सकते हैं।s

  1. अपने दाँत मत भूलना

अध्ययन की मानें तो दाँतों की स्वच्छता हृदय रोग, निमोनिया, अस्वास्थ्यकर गर्भावस्था, अल्जाइमर और स्तंभन दोष के लिए आपके जोखिम को कम करती है। ऐसे में अपने दाँतों की देखभाल को नज़रअंदाज़ न करें। 

  1. अपने लिए कुछ वक्त निकाले और लोगों से मिलें

यदि आप डेस्क जॉब करते हैं, जो आपके सप्ताह के 60 या अधिक घंटों तक काम करते हैं, तो अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करें। आँफिस से अपने घर वापस जाते समय एक फिटनेस क्लास ले सकते हैं, अपने बच्चों या पालतू जानवरों को टहलाने जा सकते हैं, पड़ोसियों के साथ बातचीत कर सकते हैं और सह कर्मियों के साथ बाहर लंच या डिनर पर जा सकते हैं। 

  1. खुश रहें

स्वस्थ रहने के लिए कृतज्ञता आभार सबसे बेहतर उपकरणों में से एक हो सकता है। यह शारीरिक और मानसिक दोनों स्वास्थ्य में सुधार करता है, सहानुभूति को बढ़ाता है, आक्रामकता को कम करता है, मानसिक शक्ति और आत्म-सम्मान में सुधार करता है। यह नए रिश्तों के लिए दरवाज़े भी खोलता है। इस आर्टिकल को अ्रग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें- Healthy lifestyle

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तेजी से वजन कम करने के 10 बेहद आसान तरीके

 



  1. हम में से अधिकतर लोग हर बार नए साल पर फिट होने का औऱ वज़न कम करने का प्रण लेते हैं।पर हर बीतते महीने के साथ ना तो अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ने का प्रयास करते हैं और ना ही उसे हासिल कर पाते हैं। सच्चाई तो ये है कि साल खत्म होने तक हमारा वज़न पिछले साल की तुलना में कई किलो बढ़ चुका होता है। देखा जाए तो वज़न कम करना एक साधना की तरह है आपको अपने मनचाहे फास्ट फूड से मुंह मोड़ना पड़ता है औऱ बिस्तर के आराम को त्याग कर थोड़ा पसीना बहाना पड़ता है। पर कई ऐसे आसान तरीके भी जिन्हें अपनाकर आप वज़न घटाने की यात्रा को कम अड़चनों के साथ पार कर सकते हैं।बस आपको अपने खाने पीने और लाइफ स्टाइल में थोड़ा सा फेरबदल करना होगा औऱ फिर आप भी फैट से फिट तक के लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकेंगे।  

    1.भरपूर पानी पिएं

    पानी हमारे जीवन के लिए ही नहीं बल्कि हमारे शरीर की मशीनरी को सुचारू रूप से नियंत्रित रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है। वज़न कम करने का पहला पड़ाव है कि अपने पानी के इनटेक को सुधारें. दिन भर में कम से कम चार लीटर पानी पीना आवश्यक है।इससे आपके शरीर की गंदगी बाहर निकलेगी। वाटर रिटेंशन की समस्या खत्म होगी और पाचन क्रिया सुधरेगी।वास्तव में इस दावे में सच्चाई है कि पानी पीने से वजन घटाने में मदद मिल सकती है।जानकार मानते हैं कि अधिक पानी पीने से आपकी कैलोरी बर्न करने की क्षमता भी बढ़ जाती है । इसलिए जल ही जीवन है को मंत्र को आत्मसात कर लें।

    2. चीनी से दूरी बनाएं

    आपका वज़न बढ़ाने में सबसे बड़ा हाथ चीनी का होता है। दिन भर में चाय कॉफी , कोल्ड ड्रिंक्स के सहारे आप काम निपटाते रहते हैं। इसके बाद लंच औऱ डिनर के बाद मीठा खाकर मन को संतुष्ट करते हैं। पर वज़न कम करना है तो इस रुटीन को छोड़ना होगा। अगर आप चाय औऱ कॉफी में चीनी बंद नहीं कर सकते तो इसे धीरे धीरे कम करना शुरु करें। खाने के बाद मीठा खाने का मन हो तो कोई फल खा लें। चीनी न केवल खाली कैलोरी में अधिक होती है, बल्कि आपके मेटाबालिज़्म को भी धीमा कर देती है। इससे मोटापा और दिल से जुड़ी समस्याएं होती हैं।

    3. प्रोटीन का सेवन बढ़ाएं

    वजन कम करने के लिए उच्च प्रोटीन आहार को एक सफल रणनीति के रूप में देखा जा सकता है । हाई प्रोटीन आहार लेने से आपके मेटाबालिज़्म में सुधार होता है,पेट भरा होने का एहसास देर तक बना रहता है और शरीर को भरपूर ऊर्जा भी मिलती है।प्रोटीन के सेवन से  ट्राइग्लिसराइड्स, रक्तचाप नियंत्रित रहता है और मोटापा तेज़ी से कम होता है। यदि आपके खाने में प्रोटीन का मात्रा कम है तो इसे सुधारें। अपने आहार में अधिक प्रोटीन शामिल करें। रोजाना दाल, अंडे, पनीर और सोया उत्पादों का सेवन करें। इससे आप वज़न घटाने कि दिशा में एक कदम औऱ बढ़ सकते हैं।

    4. वॉक करना शुरु करें

    वज़न घटाने के लिए आहार के साथ शरिर का सक्रिय रहना भी ज़रूरी है। काउच पर बड़े रहकर वज़न कम करने का सपना बस सपना बनकर ही रह जाता हरै। इसलिए खुद को पुश करें और घर के आसपास किसी खुली जगह में वॉक करने का नियम बना लें। वजन घटाने के लिए आदर्श रूप से आपको रोजाना कम से कम 45 मिनट के लिए तेजी से चलना चाहिए। लेकिन अगर आप ऐसा नहीं कर सकते हैं तो सुबह और शाम आधा घंटा टहलने की कोशिश करें। आप शुरुआत 10 मिनट की वॉक से भी कर सकते हैं। धीरे धीरे अपने शरीर सहनशक्ति के हिसाब से इस समय को बढ़ाते जाइए। जानकार मानते हैं कि पैदल चलने से आंतरिक अंगों की मालिश होती है और मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में मदद मिलती है। हर भोजन के बाद 1000 कदम चलने की कोशिश करें। अगर आप जल्दी वजन कम करना चाहते हैं तो यह सबसे अच्छा मंत्र है।

    5. खाने में फाइबर का मात्रा बढ़ाएं

    तला भुना ,मसालेदार खाना सबके मन को भाता है। खासकर मैदे से बनी चीज़ें तो हमारे खानपान का हिस्सा बन चुकी हैं। पर वज़न घटाने के लिए इन चीजों से दूरी बनानी पड़ेगी। अपने आहार में मैदा हटाकर फाइबर युक्त चीज़ें शामिल करें। फाइबर न केवल कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, बल्कि आंत को साफ रखता है और आपको लंबे समय तक तृप्त भी रखता है। जब कोई वजन कम करना चाहता है तो रेशेदार खाना खाना बहुत जरूरी है। अगर आप जल्दी वजन कम करना चाहते हैं तो अपने आहार में साइलियम भूसी, चिया बीज, फल और हरी सब्जियां शामिल करें।

    6. खाने में तेल पर रखें लगाम

    भारतीय घरों में पराठा पूड़ी औऱ मसालेदार वाली चीज़ें अधिक खाई जाती हैं । ऐसी अधिकतर डिशों में तेल की एक परत ऊपर से ही तैरती हुई दिख जाती है। यही तेल आपके वज़न कम करने के सपने की राह में अड़चन है। आदर्श रूप से, आपके पास एक महीने में 900 ग्राम से अधिक तेल नहीं होना चाहिए। आप कितना तेल खा रहे हैं, इस पर नज़र रखें और इसका आपके वजन पर स्पष्ट प्रभाव पड़ेगा। कोशिश करें की सब्ज़ियों में तेल नाम मात्र ही डालें। औऱ पूड़ी पराठे के मोह को भी त्याग दें तभी आपकी फिट होने की कोशिश रंग ला सकेगी।

    7. खाने को धीरे धीरे चबाएं

    कई शोधों में इस बात का खुलासा हुआ है कि अगर हम अपना खाना धीरे धीरे देर तक चबाकर खाते हें तो में ही पेट भरा होने का एहसास होता है।जानकार मानते हैं कि आप अपने खाने के दौरान प्रत्येक निवाले का स्वाद लें और जानबूझकर इसे देर तक चबाते रहें ।खाना तभी  निगलें जब खाना पूरी तरह से चबा लिया जाए ।दरअसल धीरे-धीरे भोजन करने से न केवल हम अपने भोजन का अधिक आनंद लेते हैं बल्कि हमें तृप्ति के बेहतर संकेत भी मिलते हैं।

    8. खाना छोड़ें नहीं

    वज़न घटाने की चाह में कई बार लोग खाना स्किप करने लगते हैं ।खुद को लम्बे समय तक भूखा रखकर कैलोरी नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं।पर ये तरीका ठीक नहीं हैं। शरीर को काम करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसलिए अपनी भूख का सम्मान करें और अपने शरीर को यह सोचने की अनुमति न दें कि यह भूखा है। जानकार मानते हैं कि दिन में चार बार खाएं पर थोड़ा थोड़ा कर के खाएं। दिन भर में एक बार ज़रूरत से ज्यादा खाने से आपका मकसद हल नहीं होने वाला।

    9. खाने के समय और पोर्शन को अनुशासित करें

    दिनभर में आप जो कुछ भी खा रहे हैं उसका समय सुनिश्चित करें। साथ ही कोशिश करें की सुबह का नाश्ता भरपूर हो पर लंच उससे कुछ छोटा हो और डिनर में बहुत हल्का खाना लें। जो अपना वजन कम करना चाहते हैं और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करना चाहते हैं वे इस नियम का पालन करेंगे तो उन्हें अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि शाम सात बजे के बाद कुछ नहीं खाना चाहिए।आप अपना डिनर 7 बजे तक कर लें औऱ फिर अगले सुबह अच्छा औप पौष्टिक नाश्ता लें। ऐशा करने से आपके शरीर को भोजन पचाने का पूरा समय मिल सकेगा औऱ आप करा वज़न नियंत्रित होगा।

    10. चीट मील के बाद कैलोरी का संतुलन बनाएं

    कोई भी व्यक्ति हमेशा खाने को लेकर पूरी तरह अनुशासित नहीं रह सकता । कई बार शादी ,पार्टियों या किसी त्योहार के मौके पर हम तेल मसालों से भरपूर खाना खा ही लेते हैं। पर आप इस खाने से मिली एक्सट्रा कैलोरीज़ को आने वाले दिनों में कैसे नियंत्रित करते हैं ये महत्वपूर्ण है। बिंज ईटिंग के बाद अगले दो तीन दिनों तक हल्का खाना खाएं। पानी अधिक पिएं और खीरे ,छाछ औऱ तरबूज जैसी चीज़ों का सेवन करें जिससे आपके शरीर में अतिरिक्त कैलोरी को संतुलित किया जा सके।ऐसा कर के आप अपने वज़न घटाने के मिशन को दाबारा ट्रैक पर ला सकते हैं।

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2023 UPP PRAN PATR


 Q1. एशियाई खेल 2018 में मशिला 3000m बाधा दौड़ प्रशियोशििा में रजि शिजेिा "सुधा ससिंि" उत्तर प्रदेि के शजला ________ 

से सिंबिंशधि िै।

(a) लखनऊ

(b) कानपुर

(c) अमेठी

(d) उन्नाि

Q2. कब सिंयुक्त प्रािंि का नाम बदल कर उत्तर प्रदेि ककया िया था?

(a) 26 जनिरी, 1950

(b) 24 जनिरी, 1950

(c) 15 अिस्ि, 1950

(d) 2 अक्टूबर, 1950

Q3. “काला नकम” चािल की ककस्म को “एक शजला एक उत्पाद” योजना के ििि उत्तर प्रदेि के ________ शजले से उत्पाद के रूप 

में चुना िया िै।

(a) िोरखपुर

(b) शसद्धाथथनिर

(c) आजमिढ़

(d) िोंडा

Q4. सूफी कशि अमीर खुसरों का जन्म उत्तर प्रदेि के ________ शजले में हुआ था।

(a) बुलिंदििर

(b) अलीिढ़

(c) एटा

(d) फै जाबाद

Q5. बहू बेिम का मकबरा उत्तर प्रदेि के ________ में शस्थि िै।

(a) लखनऊ

(b) आिरा

(c) फिेिपुर सीकरी

(d) फै जाबाद

Q6. शनम्नशलशखि में से ककस प्रशसद्ध भारिीय िास्त्रीय िाशयका को उसके शिष्यों द्वारा 

प्यार से “अप्पा जी” बुलाया जािा था?

(a) शिररजा देिी

(b) ककिोरी आमोनकर

(c) िसुिंधरा कोमकाली

(d) िीराबाई बारोडकर

Q7. उत्तर प्रदेि के ििथमान मुख्य मिंत्री योिी आकदत्यनाथ ________ सिंप्रदाय से सिंबिंशधि िै।

(a) नािा

(b) नाथ

(c) कालमुख

(d) माधि

Q8. उत्तर प्रदेि के शनम्नशलशखि शजलों में से ककसी सीमा नेपाल के साथ लििी िै?

(a) िोरखपुर

(b) मिाराजििंज

(c) बशलया

(d) बस्िी

Q9. शनम्नशलशखि में से कौन से शसख िुरू ने 1699 में खालसा पिंथ की स्थापना की थी? खालसा शनष्ठािान समुदाय िै, शजसने अपने 

शिश्वास के दृश्य प्रिीकों को पिनिे िैं और योद्धाओं की िरि प्रशिशिि हुआ।

(a) श्री िुरु िेि बिादुर

(b) श्री िुरु िर िोशबन्द

(c) श्री िुरु िर कृ ष्ण

(d) श्री िुरु िोसबिंद ससिंि

Q10. शित्तीय िर्थ 2017-18 के दौरान भारिीय ररज़िथ बैंक द्वारा लिभि नौ िर्ों में सोने की पिली खरीद में खरीदे िए सोने की 

मात्रा ककिनी िै?

(a) 2.46 मीरिक टन

(b) 4.46 मीरिक टन

(c) 6.46 मीरिक टन

(d) 8.46 मीरिक टन

Q11. ककस शसख िुरु ने शसख शििाि समारोि की िुरूआि ‘आनिंद कारज’ के नाम से की थी?

(a) श्री िुरु नानक देि

(b) श्री िुरु अमर दास

(c) श्री िुरु िोसबिंद ससिंि

(d) श्री िुरु राम दास

Q12. सािंशख्यकी और कायथक्रम कायाथन्ियन मिंत्रालय द्वारा 2016-17 के शलए कदए िए बाििानी आिंकड़ों के अनुसार सबसे बड़ा 

फल उत्पादन भारिीय राज्य कौन सा िै?

(a) आिंध्र प्रदेि

(b) िुजराि

(c) कनाथटक

(d) मध्य प्रदेि

Q13. शित्तीय िर्थ 2017-18 के दौरान भारि के व्यापार घाटे की लिभि राशि क्या थी?

(a) $126.80 शबशलयन

(b) $136.80 शबशलयन

(c) $146.80 शबशलयन

(d) $156.80 शबशलयन

Q14. शनम्न में से कौन या कथन सिी िै?

(a) 1975 में आपािकाल के समय िुलजारी लाल निंदा भारि के प्रधान मिंत्री थे।

(b) 1975 में आपािकाल के समय इिंकदरा िािंधी भारि की प्रधान मिंत्री थीं।

(c) 1975 में आपािकाल के समय चरण ससिंि भारि के प्रधान मिंत्री थे।

(d) 1975 में आपािकाल के समय मोरारजी देसाई भारि के प्रधान मिंत्री थे।

Q15. शनम्नशलशखि में से कौन सा सिी शमलान िै?

(a) अनुच्छेद 19 (E) – सिंघ बनाने का अशधकार

(b) अनुच्छेद 19 (B) – ककसी पेिे का अभ्यास करने का अशधकार

(c) अनुच्छेद 19 (A) – भार्ण और अशभव्यशक्त की स्िििंत्रिा का अशधकार

(d) अनुच्छेद 19 – िािंशिपूिथक और िशथयारों के शबना इकट्ठा िोने का अशधकार

Q16. शनम्न में से कौन सा िलि िै?

(a) राज्यपाल राष्ट्रपशि द्वारा शनयुक्त ककया जािा िै।

(b) राष्ट्रपशि के प्रसादपयथि राज्यपाल का कायथकाल रििा िै।

(c) राज्यपाल राष्ट्रपशि को अपना त्यािपत्र सौंपिा िै।

(d) 30 िर्थ की आयु का व्यशक्त राज्यपाल बन सकिा िै।

Q17. भारि के कें द्रीय रेल मिंत्री को ________ की सलाि पर ________द्वारा शनयुक्त ककया जािा िै।

(a) प्रधानमिंत्री; राष्ट्रपशि

(b) राष्ट्रपशि; प्रधानमिंत्री

(c) राष्ट्रपशि; लोकसभा के अध्यि

(d) उपराष्ट्रपशि; प्रधानमिंत्री

Q18. शनम्न में से कौन सा सिी िै?

(a) जाककर हुसैन भारि के पिले मुशस्लम राष्ट्रपशि थे।

(b) मोिम्मद शिदायिुल्ला भारि के पिले मुशस्लम राष्ट्रपशि थे।

(c) फखरुद्दीन अली अिमद भारि के पिले मुशस्लम राष्ट्रपशि थे।

(d) ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारि के पिले मुशस्लम राष्ट्रपशि थे।

Q19. शनम्नशलशखि में से कौन सी जॉडथन की राजधानी िै?

(a) ज़कथ

(b) इर्बथड

(c) साल्ट

(d) अम्मान

Q20. शनम्नशलशखि में से कौन सी मिंिोशलया की मुद्रा िै?

(a) शलयू

(b) िोिरोि

(c) क्याि

(d) मेरटकल 

Q21. एशिया में िीसरा सबसे अशधक आबादी िाला देि कौन सा िै?

(a) इराक

(b) बािंग्लादेि

(c) जॉडथन

(d) इिंडोनेशिया

Q22. शनम्नशलशखि दशिणी अमेररकी राष्ट्रों में से ककसमें दशिणी अमेररकी िेत्र का सबसे बड़ा िन िेत्र िै?

(a) िुयाना

(b) ब्राज़ील

(c) कोलशम्बया

(d) इक्वे डोर

Q23. शनम्नशलशखि में से प्रायद्वीपीय भारि की सबसे बड़ी नदी कौन सी िै?

(a) मिानदी

(b) िोदािरी

(c) कृ ष्णा

(d) कािेरी

Q24. सिंयुक्त राष्ट्र द्वारा मानिाशधकारों की सािथभौशमक घोर्णा को शचशन्िि करने के शलए िर िर्थ ककस शिशथ को अिंिराथष्ट्रीय 

मानिाशधकार कदिस मनाया जािा िै?

(a) 10 शसििंबर

(b) 10 अक्टूबर

(c) 10 नििंबर

(d) 10 कदसिंबर

Q25. जुलाई, 2018 में अमरनाथ मिंकदर की िीथथ यात्रा करने िाले याशत्रयों की सिायिा के शलए सीआरपीएफ द्वारा िुरू ककए िए 

मोबाइल सिायिा कें द्र का नाम क्या िै?

(a) दोस्ि

(b) साथी

(c) यात्री

(d) शमत्र

Q26. अिले साि िर्ों के शलए शनम्नशलशखि देिों में से ककसके साथ भारि ने अक्टूबर 2016 में अपनी व्यापार सिंशध को निीनीकृ ि 

कर कदया िै?

(a) भूटान

(b) म्यािंमार

(c) नेपाल

(d) बािंग्लादेि

Q27. एशियाई खेल 2018 में पदक िाशलका में िीर्थ रिने िाले चीन ने ककिने स्िणथ पदक जीिे थे?

(a) 102

(b) 112

(c) 122

(d) 132 

Q28. अिंिराथष्ट्रीय न्यायालय ककस देि में शस्थि िै?

(a) नीदरलैंड

(b) सिंयुक्त राज्य अमेररका

(c) यूनाइटेड ककिं िडम

(d) जमथनी

Q29. पेड़/पोधों में, शनर्ेचन के बाद अिंडािय पररिर्िथि ..... िोिा िैैः

(a) बीज में

(b) पुष्प-के सर में

(c) जायािंि में

(d) फल में

Q30. िशिग्रस्ि सी.एफ.एल. और फ्लोरोसेंट ट्यूबों का शनपटान सुरशिि रूप से ककया जाना चाशिए क्योंकक इनमें ..... िाष्प िोिी 

िै जो स्िभाि में जिरीली िोिी िै।

(a) अमोशनयम की

(b) सल्फर डाइऑक्साइड की

(c) नाइिोजन डाइऑक्साइड की

(d) पारे की

Q31. पौधे में पानी और पोर्क ित्िों के पररििन के शलए सिंििनी ऊिक को ..... किा जािा िै।

(a) फ्लाएम

(b) कोलेनकाइमा

(c) जाइलम

(d) स्क्लेरेनकाइमा

Q32. शनम्नशलशखि शिकल्पों में से, पुनरुिपादक बीज उत्पादन पोधे का नाम चुनेंैः

(a) िेंदा

(b) ब्रेड मोल्ड

(c) आलू

(d) अदरक

Q33. ककसी भी प्राकृ शिक कच्चे माल (पौधे या जानिर से) के शबना बनाया िया एक मानि शनर्मथि फाइबर। यि कोयले, पानी और 

ििा से िैयार ककया िया था। यि पिला पूणथ ससिंथेरटक फाइबर था। यि िैैः

(a) जैि प्लाशस्टक

(b) नायलॉन

(c) रेयान

(d) पॉशलशस्टरीन

Q34. शिश्व सििंदी कदिस ..... को मनाया जािा िै।

(a) 10 जनिरी

(b) 15 जनिरी

(c) 17 जनिरी

(d) 17 कदसिंबर 

Q35. ..... ने अशधग्रशिि चररत्र की शिरासि के शसद्धािंि को प्रशिपाकदि ककया।

(a) जीन-बैपरटस्ट लैमाकथ

(b) अग्स्ट िाइजमैन

(c) ग्रेिोर मेंडेल

(d) चाल्सथ डार्िथन

Q36. ‘रीबूटटिंि इिंशडयाैः रीयलाईसजिंि ए शबशलयन एशस्परेििंस’ नामक पुस्िक के लेखक कौन िैं?

(a) सत्याथथ जोिी

(b) निंदन नीलेकणी

(c) रिन टाटा

(d) शििाल शसक्का

Q37. पूणथ रूप से जी.एस.टी. की शसफाररि ..... द्वारा की िई थी।

(a) राजा चेलैया सशमशि

(b) शिजय के ल्कर टास्क फोसथ

(c) जी.एस.टी. पररर्द

(d) मनमोिन ससिंि आयोि

Q38. भारि का पिला साइबर पुशलस स्टेिन ..... में स्थाशपि ककया िया था।

(a) कोशच्च

(b) नई कदल्ली

(c) बेंिलुरु

(d) चेन्नई

Q39. शनम्न कदए िए समीकरण को िल करें।

48 ÷ [35 – {30-(31-26 ÷ 2 × 4)}] = ?

(a) -2

(b) -3

(c) -4

(d) -8

Q40. शनम्न कदए िए समीकरण को िल करें।

143 + 14.3 + 1.43 + 0.143 + 0.0143 = ?

(a) 158.8783

(b) 158.8863

(c) 158.8683

(d) 158.8873

Q41.

(a) 14/48

(b) 14/64

(c) 7/12

(d) 7/32

Q42. सबसे बड़ी 4 अिंकों िाली सिंख्या क्या िै, जो 15, 25 और 35 में से प्रत्येक द्वारा शिभाशजि करने योग्य िै?

(a) 9975

(b) 9925

(c) 9875

(d) 9825

Q43. 150, 225 और 375 का म.स.प. ककिना िोिा?

(a) 15

(b) 25

(c) 75

(d) 125

Q44. नीचे दी िई सिंख्याओं में से कोन सी सिंख्या 24 से पूरी िरि शिभाशजि करने योग्य िै?

(a) 14744

(b) 28856

(c) 43976

(d) 57528

Q45. यकद सिंख्या 164 को 32 : 9 के अनुपाि में शिभाशजि ककया जािा िे, िो छोटे भाि का मान ककिना िोिा?

(a) 45

(b) 36

(c) 54

(d) 27

Q46. ककसी प्रिेि परीिा में अिथिा प्राप्त करने के शलए अशधकिम 600 में से 522 अिंकों की आिश्यकिा िोिी िै। प्रशििि में कट 

ऑफ क्या िै?

(a) 87

(b) 88

(c) 85

(d) 86

Q47. 8% की िार्र्थक साधारण ब्याज दर पर 5 िर्थ में `1980 का ब्याज ककिना िोिा?

(a) `891

(b) `829

(c) `796

(d) `792

Q48. 15% के लाभ और 9% की िाशन के बीच का अिंिर `768 िै। यिािं शजसकी बाि की जा रिी िै, उस िस्िु का लािि मूल्य 

ककिना िै?

(a) `2640

(b) `2880

(c) `3200

(d) `3440

Q49. एक शखलौने का अिंककि मूल्य `1800 था। शबक्री के दौरान 20% और 18% की शसलशसलेिार दो छूटें दी िईं। शखलौने का 

शिक्रय मूल्य ककिना िोिा?

(a) `1202

(b) `1224

(c) `1170

(d) `1230

Q50. िोरिा ने `2250 के साथ एक कारोबार िुरू ककया, जबकक कु छ मिीनों के बाद शत्रिा ने `2880 का शनिेि कर कदया। यकद 

12-मिीनों के अिंि (िोरिा के शनिेि के समय से) लाभ को िोरिा और शत्रिा द्विारा 25 : 24 के अनुपाि में बािंटा जािा िै, िो 

शत्रिा ने ककिने मिीनों के शलए शनिेि ककया था?

(a) 7

(b) 8

(c) 9

(d) 10

Q51. एक सुबि िैदेिी अपने घर से कायाथलय साइककल पर 15 km/hr की िशि से िई लेककन बहुि अशधक यािायाि के कारण 

िापसी में उसकी िशि 10 km/hr रिी। दो-िरफा यात्रा के शलए औसि िशि ककिनी थी?

(a) 12.4 km/hr

(b) 12.5 km/hr

(c) 12.25 km/hr

(d) 12 km/hr

Q52. यकद x :9 ::5 :y, िो xy= ?

(a) 5/9

(b) 45

(c) 9/5

(d) 3√5

Q53. `800 को 10% की िार्र्थक चक्रिृशद्ध ब्याज दर पर शनिेि ककया जािा िै, िो दो िर्थ में अर्जथि ब्याज की राशि ककिनी 

िोिी?

(a) `162

(b) `160

(c) `166

(d) `168

Q54. एक टैंक से नौ पाइप जुड़े हुए िैं, शजनमें से कु छ खाली करने िाले पाइप िैं और कु छ पाइप भरने िाले िैं। प्रत्येक भरने िाला 

पाइप खाली टैंक को 24 घिंटे में भर सकिा िै, जबकक प्रत्येक खाली करने िाला पाइप पूरी िरि से भरे हुए टैंक को 18 घिंटे में खाली 

कर सकिा िै। यकद टिंकी भरी हुई िै और सभी पाइप एक साथ खोल कदए जािे िैं, िो टिंकी 9 घिंटे के बाद खाली िो जािी िै। खाली 

पाइपों की सिंख्या िै:

(a) 6

(b) 5

(c) 4

(d) 3

Q55. साथथक 14 कदनों में रेि के एक िड्ढे को भर सकिा िै जबकक शििान को इसे भरने के शलए 35 कदन लििे िैं। अली 12 कदनों 

में एक भरे हुए रेि के िड्ढे की पूरी खाली कर सकिा िै। यकद खाली िड्ढे में िीनों एक साथ कायथ िुरू करिे िैं, िो रेि का िड्ढा कफर 

से ककिने कदनों में भर जाएिा?

(a) 60

(b) 61

(c) 62

(d) 56

Q56. मन्मि धारा के साथ 7.5 घिंटे में एक दूरी िय करिा िै, जबकक धारा के शिपरीि ििी दूरी िय करने में उसे 10.5 घिंटे लििे 

िैं। िािंि पानी में दो-िरफा यात्रा करने के शलए, उसे ककिने घिंटे लिेंिे?

(a)

(b)

(c)

(d)

Q57. एक िेन, शजसकी िशि 67.5 km/hr िै, 9 सेकिं ड में एक और 29 सेकिं ड में एक प्लेट्फ़ामथ पार करिी िै। प्लेटफ़ामथ की लिंबाई 

ककिनी िै?

(a) 400 m

(b) 375 m

(c) 380 m

(d) 350 m


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भारत पर प्रथम विश्वयुद्ध के प्रभाव

 टैग्स: 

  • सामान्य अध्ययन-I
  • प्रथम विश्व युद्ध
  • औद्योगिक विकास
  • पूंजीवाद
  • भारत के हितों पर देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव
  • संदर्भ 

    बीते दिनों दुनिया के सभी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रथम विश्वयुद्ध की ख़बरें सुर्ख़ियों में बनी रहीं। दरअसल, इन सुर्ख़ियों की मुख्य वज़ह प्रथम विश्वयुद्ध की समाप्ति के सौ वर्षों (11 नवंबर को) का पूरा होना था। इस अवसर पर पेरिस में आयोजित एक समारोह में विश्व के लगभग 70 देशों के नेता एकत्रित हुए जिसमें भारत की ओर से उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी शामिल हुए। हालाँकि, इस युद्ध में न तो विश्व के सभी देश शामिल थे और न ही सभी देशों का हित इस युद्ध में निहित था, लेकिन फिर भी इस युद्ध ने भारत सहित दुनिया के सभी देशों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किया।

    पहला विश्वयुद्ध और इसके कारण


    प्रथम विश्वयुद्ध मित्र/संयुक्त राष्ट्र और केंद्रीय शक्तियों के बीच लड़ा गया था।

    जहाँ सहयोगी शक्तियों के मुख्य सदस्य फ्राँस, रूस और ब्रिटेन थे (1917 के बाद से संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी सहयोगियों की तरफ से लड़ाई लड़ी।), वहीं केंद्रीय शक्तियों के मुख्य सदस्य जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, तुर्क साम्राज्य और बुल्गारिया थे।

    प्रथम विश्वयुद्ध के लिये कोई एक घटना उत्तरदायी नहीं थी बल्कि इस युद्ध को 1914 तक के वर्षों में घटने वाली विभिन्न घटनाओं और कारणों का परिणाम माना जा सकता है। प्रथम विश्वयुद्ध हेतु ज़िम्मेदार कारणों को दीर्घकालिक और तात्कालिक कारणों में वर्गीकृत किया जा सकता है।

    दीर्घकालिक कारण


    दीर्घकालिक कारणों में वर्ष 1914 तक के वर्षों में घटने वाली विभिन्न घटनाओं यथा - राष्ट्रीयता की उग्र भावना का विकास, सैनिकवाद और शस्त्रीकरण, साम्राज्यवाद तथा आर्थिक प्रतिद्वंद्विता, गुप्त व कूटनीतिक संधियाँ, साम्राज्यवाद की भावना, समाचार पत्र-पत्रिकाओं का अभाव, अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं का अभाव सामाजिक असंतुलन आदि को शामिल किया जा सकता है।

    तात्कालिक कारण


    लंबे समय से संपूर्ण यूरोप में अशांति व अव्यवस्था के चिह्न पहले से ही मौजूद थे, तात्कालिक परिस्थिति ने तो केवल आग में घी का काम किया।

    दरअसल, 28 जून, 1914 को ऑस्ट्रिया के राज सिंहासन के उत्तराधिकारी आर्क ड्यूक फ्रांसिस फर्डिनेंड की बोस्निया (राजधानी सेराजेवो) में हत्या कर दी गई और इस हत्या का आरोप सर्बिया पर लगाया गया। दोनों के मध्य पहले से ही चल रहे कटु संबंधों के कारण ऑस्ट्रिया को सर्बिया से बदला लेने का अवसर मिल गया।

    परिस्थिति को देखते हुए ऑस्ट्रिया ने सर्बिया को कुछ मांगों (दस सूत्री मांग पत्र) को मानने हेतु बाध्य किया, किंतु सर्बिया ने इस मांग पत्र की अनुचित मांगों को अस्वीकार कर दिया। परिणामतः ऑस्ट्रिया ने  28 जुलाई, 1914 को सर्बिया पर आक्रमण कर दिया। इस युद्ध में विभिन्न देश शामिल होते गए और अंततः युद्ध ने विश्वव्यापी रूप ले लिया।

    प्रथम विश्वयुद्ध का भारत के लिये महत्त्व


    चूँकि इस युद्ध में ब्रिटेन भी शामिल था और उन दिनों भारत पर ब्रिटेन का शासन था अतः इस कारण हमारे सैनिकों को इस युद्ध में शामिल होना पड़ा।

    इसके अतिरिक्त उस समय भारतीय राष्ट्रवाद के प्रभुत्व का दौर था, ये राष्ट्रवादी यह मानते थे कि युद्ध में ब्रिटेन को योगदान देने के परिणामस्वरूप अंग्रेजों द्वारा भारतीय निवासियों के प्रति उदारता बरती जाएगी और उन्हें अधिक संवैधानिक अधिकार प्राप्त होंगे।

    इस युद्ध के बाद लौटे सैनिकों ने जनता के मनोबल बढ़ाया।

    दरअसल, भारत ने लोकतंत्र की प्राप्ति के वादे के तहत इस विश्वयुद्ध में ब्रिटेन का समर्थन किया था लेकिन युद्ध के तुरंत बाद अंग्रेज़ो ने रौलेट एक्ट पारित किया। परिणामस्वरूप भारतीयों में ब्रिटिश हुकूमत के प्रति असंतोष का भाव जागा इससे राष्ट्रीय चेतना का उदय हुआ तथा जल्द ही असहयोग आंदोलन की शुरुआत हुई।

    इस युद्ध के बाद यूएसएसआर के गठन के साथ ही भारत में भी साम्यवाद का प्रसार (सीपीआई के गठन) हुआ और परिणामतः स्वतंत्रता संग्राम पर समाजवादी प्रभाव देखने को मिला।

    प्रथम विश्व युद्ध में शामिल होने के कारण


    भारतीय सैनिकों ने युद्ध के मैदान में बहादुरी से लड़कर अपने कबीले या जाति को सम्मान दिलाने के कार्य को अपने कर्तव्य के रूप में देखा।

    एक भारतीय पैदल सैनिक का मासिक वेतन उस समय महज़ 11 रुपए था, लेकिन युद्ध में भाग लेने से अर्जित अतिरिक्त आय किसान परिवार के लिये एक अच्छा विकल्प था, इसलिये धन की प्राप्ति युद्ध में शामिल होने का एक उद्देश्य माना जा सकता है।

    अक्सर विभिन्न पत्रों में उल्लेख मिलता है कि भारतीय सैनिकों ने सम्राट जॉर्ज पंचम के प्रति व्यक्तिगत कर्त्तव्य की भावना से प्रेरित होकर इस युद्ध में हिस्सा लिया था।

    गौरतलब है कि भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन और देश का सामाजिक-आर्थिक विकास एक-दूसरे से अलग नहीं है बल्कि यह सह-संबंधित है। प्रथम विश्वयुद्ध ने भारत को वैश्विक घटनाओं और इसके विभिन्न प्रभावों से जोड़ने का कार्य किया। इसके विभिन्न प्रभाव निम्नानुसार हैं -

    राजनीतिक प्रभाव


    युद्ध की समाप्ति के बाद भारत में पंजाबी सैनिकों की वापसी ने उस प्रांत में औपनिवेशिक शासन के खिलाफ राजनीतिक गतिविधियों को भी उत्तेजित किया जिसने आगे चलकर व्यापक विरोध प्रदर्शनों का रूप ले लिया। उल्लेखनीय है कि युद्ध के बाद पंजाब में राष्ट्रवाद का बड़े पैमाने पर प्रसार हेतु सैनिकों का एक बड़ा भाग सक्रिय हो गया।

    जब 1919 का मोंटग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार 'गृह शासन की अपेक्षाओं को पूरा करने में असफल रहा तो भारत में राष्ट्रवाद और सामूहिक नागरिक अवज्ञा का उदय हुआ।

    युद्ध हेतु सैनिकों की ज़बरन भर्ती से उत्पन्न आक्रोश ने राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने की पृष्ठभूमि तैयार की।

    सामाजिक प्रभाव


    युद्ध के तमाम नकारात्मक प्रभावों के वाबजूद वर्ष 1911 और 1921 के बीच, भर्ती हुए सैनिक समुदायों में साक्षरता दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। युद्ध के मैदान में पुरुषों की उपयोगिता की धारणा का उन दिनों महत्त्व होने के कारण सैनिकों ने अपने विदेशी अभियानों हेतु पढ़ना-लिखना सीखा।

    युद्ध में भाग लेने वाले विशेष समुदायों का सम्मान समाज में बढ़ गया।

    इसके अतिरिक्त गैर-लड़ाकों की भी बड़ी संख्या में भारत से भर्ती की गई- जैसे कि नर्स, डॉक्टर इत्यादि। अतः इस युद्ध के दौरान महिलाओं के कार्य-क्षेत्र का भी विस्तार हुआ और उन्हें सामाजिक महत्त्व भी प्राप्त हुआ।

    हालाँकि, भारतीय समाज को ऐसी परिस्थितियों में आवश्यक सेवाओं से वंचित कर दिया गया जहाँ पहले से ही ऐसी सेवाएँ/कौशल (नर्स, डॉक्टर) दुर्लभ थे।

    आर्थिक प्रभाव


    ब्रिटेन में भारतीय सामानों की मांग में तेज़ी से वृद्धि हुई क्योंकि ब्रिटेन में उत्पादन क्षमताओं पर युद्ध के कारण बुरा प्रभाव पड़ा था।

    हालाँकि, युद्ध के कारण शिपिंग लेन में व्यवधान उत्पन्न हुआ लेकिन इसका यह अर्थ था कि भारतीय उद्योगों को ब्रिटेन और जर्मनी से पहले आयात किये गए इनपुट की कमी की वज़ह से असुविधा का सामना करना पड़ा था। अतः अतिरिक्त मांग के साथ-साथ आपूर्ति की बाधाएँ भी मौजूद थीं।

    युद्ध का एक और परिणाम मुद्रास्फीति के रूप में सामने आया। वर्ष 1914 के बाद छह वर्षों में औद्योगिक कीमतें लगभग दोगुनी हो गईं और बढ़ती कीमतों में तेज़ी ने भारतीय उद्योगों को लाभ पहुँचाया।

    कृषि की कीमतें औद्योगिक कीमतों की तुलना में धीमी गति से बढीं। अगले कुछ दशकों में और विशेष रूप से महामंदी (Great Depression) के दौरान वैश्विक वस्तुओं की कीमतों में गिरावट की प्रवृत्ति जारी रही।

    खाद्य आपूर्ति, विशेष रूप से अनाज की मांग में वृद्धि से खाद्य मुद्रास्फीति में भी भारी वृद्धि हुई। यूरोपीय बाज़ार के नुकसान के कारण जूट जैसे नकदी फसलों के निर्यात को भी भारी नुकसान पहुँचा।

    उल्लेखनीय है कि इस बीच सैनिकों की मांगों में वृद्धि के चलते भारत में जूट उत्पादन में संलग्न मजदूरों की कमी हुई और बंगाल के जूट मिलों के उत्पादन को भी हानि पहुँची जिसके लिये मुआवज़ा दिया गया परिणामतः आय असमानता में वृद्धि हुई।

    वहीं, कपास जैसे घरेलू विनिर्माण क्षेत्रों में ब्रिटिश उत्पादों में आई गिरावट से लाभ भी हुआ जो युद्ध पूर्व बाज़ार पर हावी था।

    ब्रिटेन में ब्रिटिश निवेश को पुनः शुरू किया गया, जिससे भारतीय पूंजी के लिये अवसर सृजित हुए।

    निष्कर्ष :


    समग्र रूप से देखा जाए तो प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान भले ही विश्व के कई देशों ने लाखों की संख्या में जनबल को खोया किंतु भारत पर इसके प्रभाव कई मायनों में सकरात्मक भी कहे जा सकते हैं क्योंकि भारतीय सैनिकों के इस युद्ध में शामिल होने की शर्तों को ब्रिटिश हुकूमत द्वारा पूरा न किये जाने से भारतीयों का उसके प्रति मोहभंग हो गया और बढ़ते असंतोष ने राष्ट्रवाद को बढ़ाया, अंततः स्वतंत्रता की चेतना प्रस्फुटित हुई। इसके अतिरिक्त सामाजिक,राजनीतिक एवं अर्थव्यवस्था के स्तर पर भी व्यापक परिवर्तन देखे गए। संक्षेप में कहा जा सकता है कि युद्ध के दौरान अर्थव्यवस्था ने कई मायनों में भारत में पूंजीवाद को बढ़ावा दिया।


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